Home arthguru.in Income Tax अधिनियम की इस धारा 80DD में मिलता 75000 से 125000 रुपये तक का लाभ

Income Tax अधिनियम की इस धारा 80DD में मिलता 75000 से 125000 रुपये तक का लाभ

0
Income Tax अधिनियम की इस धारा 80DD में मिलता 75000 से 125000 रुपये तक का लाभ
Income Tax 80DD

आज हम आपको इनकम टैक्स के एक ऐसे नियम के बारे में बताएँगे जिससे आपको 75000 रूपये की छूट मिल सकती है। हम आपको आयकर अधिनियम की धारा 80DD के बारे में बताएँगे इस धारा के तहत आप 75000 रूपये से लेकर 125000 रुपये तक की छूट ले सकते है दरअसल यह कटौती आपको तब मिल सकती है जब आपका कोई आश्रित आंशिक या पूर्णरूप से दिव्यांग हो ये छूट HUF और भारतीय निवासी व्यक्तियों के लिए ही है। 

Income Tax की धारा 80DD के तहत अधिकतम कितनी कटौती की अनुमति है?

इस धारा के अंतर्गत मिलने वाली कटौती अनुमानित तौर पर निश्चित है और यह राशि मूलतः विकलांगता की गंभीरता पर निर्भर करती है। 

  • जहां विकलांगता 40% से अधिक और 80% से कम है – 75,000 रुपये।
  • जहां विकलांगता 80% से अधिक है – 1,25,000 रुपये।

Income Tax की धारा 80DD के तहत आने वाली दिव्यांगता के प्रकार

income Tax अधिनियम, 1961 की धारा 80DD के अंतर्गत निम्नलिखित अक्षमताएं शामिल हैं-

  • Loco motor disability
  • Blindness
  • Low vision
  • Mental retardation
  • Cerebral palsy
  • Leprosy-cured
  • Autism
  • Mental illness
  • Hearing impairment

कब ले सकते है धारा 80DD कटौती का लाभ

अर्थगुरु | SCSS | Senior Citizen Savings Scheme 2023

  • इस कटौती की अनुमति करदाता के आश्रित के लिए है न कि स्वयं करदाता के लिए।
  • कटौती का दावा केवल भारत के निवासी व्यक्तियों एवं HUF द्वारा किया जा सकता है।
  • यदि आश्रित ने स्वयं के लिए धारा 80 यू के तहत कटौती का दावा किया है।तो करदाता इस कटौती का दावा नहीं कर सकता है। 
  • व्यक्तिगत करदाता के मामले में आश्रित का अर्थ है करदाता की पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई और बहन। HUF के मामले में HUF के सदस्य का मतलब है कोई भी एक सदस्य। 
  • करदाता ने चिकित्सा उपचार (नर्सिंग सहित), विकलांग आश्रितों के प्रशिक्षण और पुनर्वास के लिए खर्च किया है या करदाता ने आश्रित के रखरखाव के लिए एलआईसी या किसी अन्य बीमाकर्ता की योजना में जमा किया हो सकता है।
  • आश्रित की विकलांगता 40% से कम नहीं है।
  • विकलांगता को विकलांग व्यक्ति अधिनियम, 1995 की धारा 2(i) के तहत परिभाषित किया गया है।

आपको यह पोस्ट कैसा लगा या आप और अधिक जानकारी चाहते है तो कमेंट करे।